उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में सोमवार से शुरू होगा प्रवेश

उज्जैन,(हि.स.)। महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश सोमवार, 6 दिसम्बर से प्रारंभ होगा। कलेक्टर सह अध्यक्ष मंदिर प्रबंध समिति आशीष सिंह के अनुसार भस्मार्ती के दौरान गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहने की व्यवस्था पूर्ववत जारी रहेगी। भस्मार्ती के दौरान श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।

मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने बताया कि अभी यह व्यवस्था प्रायोगिक रूप में प्रारम्भ की जा रही है। सामान्य दर्शनार्थी हेतु भीड की स्थिति को देखते हुए गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

यह रहेगी दर्शन व्यवस्था

सामान्य दर्शनार्थी शंख द्वार से फेसिलिटी सेन्टर,मंदिर परिसर,कार्तिकेय मण्डपम् से रंैप उतरकर गणेशमण्डपम् की बैरिकेट्स से नंदीमण्ड्पम से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश करेंगे व दर्शन उपरान्त निर्गम रैप से प्रस्थान करेंगे। प्रवेश बंद के दौरान 1500 रुपये की रसीद पर 02 श्रद्धालु, लघु रूद्र की रसीद पर 03 श्रद्धालु और महारूद्र की रसीद पर 05 श्रद्धालु गर्भगृह से दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान श्रद्धालु भगवान का केवल जलाभिषेक ही कर सकते हैं। यदि श्रद्धालु के परिवार के तीन सदस्यों को गर्भगृह में जल अर्पित करना है तो उन्हें 1500 रुपये की एक रसीद के अलावा 1000 रुपये की एक अतिरिक्त रसीद कटवाना होगी। मंदिर के अधिकृत 16 पुजारी व 22 पुरोहित अपने यजमानों के लिए एक दिवस में अधिकतम 1500 रुपये की 03 रसीद व लघुरूद्र की 02 रसीद ही काउण्टर से कटवा सकेंगे तथा रसीद कटाने वाले श्रद्धालुओं को अधिकृत पुजारी-पुरोहित व उनके प्रतिनिधि द्वारा परिचय पत्र धारण कर यजमानों को गर्भगृह में प्रवेश कराया जा सकेगा।

यहां रहेगा प्रतिबंध

मंदिर गर्भगृह में किसी भी प्रकार का पूजन, अभिषेक, आरती इत्यादि किया जाना तथा दूध,फूल.प्रसाद या किसी भी प्रकार की पूजन सामग्री ले जाने पर प्रतिबन्ध रहेगा। भगवान महाकालेश्वर को केवल जल अर्पित कर तत्काल बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे। रसीदधारी श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर के द्वार क्रमांक 04 से प्रवेश कर विश्राम धाम से सभा मण्डप चॉदी द्वार से गर्भगृह दर्शन हेतु प्रवेश करेंगे व वहॉ की गई व्यवस्था अनुसार श्री महाकालेश्वर भगवान का जलाभिषेक कर जल द्वार से बाहर आएंगे। प्रवेश बंद के दौरान रसीद लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा। श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 महामारी हेतु जारी गाइडलाइन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।

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