भीषण बारिश से जल प्रलय जैसे हालात, शहर से गांव तक हाहाकार

नालियां चोक, सड़कें जलमग्न, घरों में घुसा बरसात का पानी
पानी के साथ तेज हवा से गन्ने, धान व मक्के की फसल जमींदोंज

गोंडा। पिछले 36 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बरसात से शहर से लेकर गांव तक जल प्रलय जैसे हालात उत्पन्न कर दिए हैं। चारों तरफ पानी ही पानी है और जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। भीषण बरसात के कारण गुरुवार को स्कूल कालेज बंद रहे और सड़कें सुनसान रहीं। झमाझम बरसात ने नगर पालिका परिषद के व्यवस्था की पोल खोल दी है। स्वच्छता रैंकिंग में पूरे प्रदेश में नंबर वन के तमगे वाले शहर की नालियां चोक हो गई हैं और उन नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस गया है। मुख्य सड़कों समेत शहर की तमाम सड़कें जलमग्न हो गई हैं। लगातार हो रही बरसात से फसलों को भी जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। भीषण बारिश के साथ चल रही पुरवा हवा ने गन्ने व धान की खड़ी फसल को जमींदोंज कर दिया है। वहीं लाही सरसों,आलू व सब्जी फसल लगाने की तैयारियों में जुटे किसानों के मंसूबे भी इस भीषण बरसात में बह गए हैं। इस जल प्रलय को देखते हुए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

मंगलवार रात से हो रही भीषण बरसात से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। नगर क्षेत्र के चौक बाजार, मेवातियान, पटेल नगर, राधा कुंड, महराजगंज, रानीबाजार, सतईपुरवा, गरीबीपुरवा, बूढादेवर व जानकीनगर सहित तमाम इलाकों में बरसाती पानी भर गया। शहर की सबसे वीआईपी कालोनी मानी जाने वाली आवास विकास भरतपुरी व गायत्रीपुरम में सड़कें तालाब बन गईं। चोक नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस गया। पटेल नगर के गाजी मार्केट व ईदगाह रोड की दुकानों में भी बरसात का पानी घुसने से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। मुख्य सड़क से आवास विकास कालोनी की तरफ जाने वाली सड़क पर तो नाव चलने वाली स्थिति रही। कमोवेश यही हाल गरीबीपुरवा व बूढा देवर इलाका का भी रहा। जानकीनगर इलाके में सड़क पर खड़ा कार पानी में तैरती नजर आई।

बरसात के चलते लोग अपने घरों में कैद रहे और उन्हे बाहर निकलने के लिए भी सोचना पड़ा। शहर के कई सरकारी स्कूलों का परिसर पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। ग्रामीण इलाकों में भी बरसात के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। धानेपुर, बग्गीरोड व मनकापुर में सड़कें जलमग्न रहीं। इस मूसलाधार बरसात के कारण सबसे अधिक नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है। गन्ना, मक्की व धान की खड़ी फसल तेज हवा के चलते जमीदोंज हो गई है। बरसात के कारण दलहनी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। उड़द व मूंग की फसल पानी में डूब गयी है। वहीं लाही, सरसों,आलू व सब्जियों की बुवाई की तैयारियों में जुटे किसानों की उम्मीदों को इस बरसात से झटका लगा है।
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बिजली गुल, इन्वर्टर ठप, अंधेरे में जिले की 40 लाख की आबादी
गोंडा। भीषण बरसात के कारण जिले की बिजली
व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई है। बुधवार से ही बिजली गुल है जिससे जिले की करीब 40 लाख की आबादी को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ी है। 24 घंटे से अधिक बिजली बिजली न मिलने से लोगों के घरों में लगे इन्वर्टर भी दगा दे गए हैं। कई इलाकों में तेज हवा के चलते बिजली के खंभे व तार टूटकर गिर गये हैं। छपिय व इटियाथोक विद्युत उपकेंद्र बुधवार से ठप पड़े हैं। गोंडा से धानेपुर जाने वाली 33 केवीए की मेन लाइन खराब होने के कारण धानेपुर, मेहनौन व राजापुर परसौरा उपकेंद्र बंद पड़े हैं। जिससे बाबागंज, बग्गीरोड ,मेहनौन, राजापुर परसौरा, धानेपुर व इटियाथोक में बिजली आपूर्ति बाधित है।

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गुरूवार को बंद रहे स्कूल

गोंडा। मंगलवार की रात से ही रही भीषण बरसात के कारण कई स्कूलों के परिसर जलमग्न हो गए। इस हालात को देखते हुए गुरुवार को सभी सरकारी व गैरसरकारी शिक्षण संस्थान बंद रहे। स्कूल आने जाने में होने वाली परेशानी को देखते हुए डीएम डा उज्जवल कुमार के आदेश पर बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने गुरुवार को परिषदीय स्कूलों में छुट्टी कर दी।
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24 घंटे में रिकॉर्ड 357 मिमी वर्षा, तापमान में भी गिरावट
गोंडा। मंगलवार रात से ही जिले में भीषण बरसात हो रही है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 357 मिमी वर्षा हुई है। पूरे सीजन की यह अब तक की सबसे भीषण बरसात है। बारिश के साथ तेज हवा के कारण जिले के तापमान में भी गिरावट आई है। गुरुवार को जिले का न्यूनतम तापमान 24 डिग्री व अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा।
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36 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप

खरगूपुर (गोंडा) | बारिश के चलते खरगूपुर उप केंद्र पर आई खराबी से 36 घंटे से बिजली की आपूर्ति उपभोक्ताओं को नहीं हो सकी।गुरुवार को भी विद्युत आपूर्ति दुरुस्त न होने से बिजली उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के दौरान ही मंगलवार की देर रात खरगूपुर बिजली घर सहित खरगूपुर टाउन व ग्रामीण क्षेत्र के फीडरों पर आपूर्ति बाधित हो गई थी। बीते 36 घंटों से आपूर्ति न मिलने से हजारों उपभोक्ता काफी परेशान रहे।गुरुवार की देर शाम तक खरगूपुर उप केंद्र की आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी। उधर लगातार हो रही तेज बारिश की वजह से इटियाथोक विद्युत उपकेंद्र के स्विच यार्ड में पानी भर गया।इसी वजह से इनकमिंग फीडर खराब होने से विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई।गुरुवार की रात 2:00 बजे लगातार बारिश होने की वजह से विद्युत उपकेंद्र के स्विच यार्ड में पानी भर गया। वही 132 केवीए इटियाथोक से आने वाली आपूर्ति के इनकमिंग फीडर में खराबी आ गई।इस वजह से विद्युत उपकेंद्र से जुड़े बीस हजार से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल सकी।बारिश की वजह से परेशान लोगों को बिजली न होने से काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा।दोपहर बाद संविदा कर्मियों ने इनकमिंग फीडर को दुरुस्त करने का काम शुरू किया।अवर अभियंता का कहना है कि शाम तक आपूर्ति बहाल हो जाएगी।

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किसानो की फसलें तबाह, हाथ में लाठी पेट में गमछा

छपिया ( गोंडा)| धान की फसल लगाने के समय बारिश नहीं हुई। इससे जिले में पहले से ही धान की रोपाई कम हुई। किसी तरह से किसानों ने सिंचाई करके फसल तैयार की तो अब बारिश से बर्बाद हो रही है। किसानों का कहना है कि अब फसल तैयार हो चुकी है। पानी की जरूरत नहीं है। लगातार बारिश होने से खेतों में पानी भर गया है, हवाएं चलने से फसल पानी में गिरकर सड़ने लगी है। इससे लागत निकलना भी मुश्किल हो जाएगी। फसल की कटाई का समय है और खेतों में पानी भर गया है।
बुधवार से हुई जिले में मूसलाधार बारिश के बाद से ही किसान चिन्हित हो गए। खेतों में खड़ी गन्ना की फसल गिर गई इससे गन्ना किसानों को नुकसान हुआ। वहीं अब धान की तैयार फसल भी लगातार हो रही बारिश से बर्बाद हो रही है। किसान बालकराम, काशीराम, जुगेश, मनोज, शिव कुमार बताते हैं कि धान की रोपाई से लेकर सिंचाई तक में काफी खर्चा हुआ। धान को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। जिस समय जरूरत थी पानी नहीं बरसा अब फसल तैयार हो चुकी है। कटाई का समय आ गया है। ऐसे में अब बारिश से फसल बर्बाद हो रही है। अब पानी की जरूरत नहीं है। खेत सूखें तो कटाई हो सके। खेतों में इतना पानी भरा है कि आधी फसल डूबी है। वहीं लगातार बारिश के कारण फसल गिर गई है जो पानी में डूबने से सड़ने लगी है। ऐसे में तो धान के किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।

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दो दिन और भीषण बारिश का अनुमान

मौसम विभाग के हवाले से डीएम उज्जवल कुमार ने बताया कि 8 अक्टूबर तक रेड अलर्ट जारी किया गया है| अभी जिले के लोगों को दो दिन संकट में गुजारने पड़ेंगे| डीएम ने बताया कि लोग जर्जर आवास छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले जाएँ| बिजली के खम्भों या तार को कत्तई न छुएं| बहुत जरूरी न हो तो घर में ही रहें|

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