सरकारी जमीनों पर कदम दर कदम रसूखदारों का कब्जा

नाले पर मिठाई की दुकान तो तालाब की जमीन पर चल रहा स्कूल 

अतिक्रमणकारियों के हौसले के आगे बेबस दिख रही सरकारी मशीनरी 

रोहित तिवारी 

गोंडा। शहर के भीतर सरकारी जमीनों पर कदम दर कदम रसूखदारों का कब्जा है। जलनिकासी के लिए बने नाले को कब्जा कर उस पर मिठाई की दुकान खोल दी गई है। वहीं तालाब की जमीन पर एक सीबीएसई बोर्ड से संचालित स्कूल चल रहा है। जलनिकासी के संकट से जूझ रहे नगरवासी इन अवैध अतिक्रमण को हटाकर तालाब व नाले की जमीन को कब्जे से मुक्त करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन गरीबों की झोपड़ियों पर बुलडोजर चलाने वाले जिम्मेदार अफसर मौन साधे शहर की दुर्गति का तमाशा देख रहे हैं। 

पिछले तीन दिनों तक हुई भीषण बारिश ने शहर के भीतर जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोल दी है। नाली और नाला सफाई के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान खारिज करने वाले नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष व अधिशाषी अधिकारी नगरवासियों के निशाने पर हैं। हर कोई नगर पालिका की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं । इस लापरवाही के साथ लोग शहर के भीतर हुए अवैध अतिक्रमण पर भी आवाज उठा रहे हैं। यह अतिक्रमण नगर पालिका व भू माफियाओं के गठजोड़ से चल रहा है। भू माफिया अपने रसूखदार आकाओं की बदौलत शहर की नजूल की जमीनों से लेकर सार्वजनिक नाले और तालाब की जमीन पर बेखौफ होकर कब्जा कर रहे हैं और जिला प्रशासन मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है। शहर के कई बड़े नाले व तालाब की जमीन पर ऊंची बिल्डिंगें दिखाई दे रही हैं। अमृत विचार की टीम ने शनिवार को इन सार्वजनिक नालों और तालाबों की स्थिति पता की तो इन जमीनों पर कदम दर कदम अवैध कब्जा नजर आया। कहीं नाले को पाटकर दुकान बना ली गई तो कहीं तालाब पाटकर स्कूल बना दिया गया। शहर के जलनिकासी का जरिया रहे सबसे बड़े मंडे नाला को पाटकर उसका आस्तित्व ही खत्म कर दिया गया। आम लोगों के निर्माण को बुलडोजर लेकर हटाने वाले अफसर रसूखदारों के इन अवैध कब्जे पर कब बुलडोजर चलायेंगे यह सवाल इस समय प्रत्येक नगरवासी कर रहे हैं। 

सीन- एक

नाले की जमीन पर चल रही मिठाई की दुकान 

गोंडा। गुरुनानक चौराहे से जलकल दफ्तर के ठीक सामने नाले से जानकीनगर से लेकर रोडवेज़ व राजकीय इंटर कालेज की तरफ का पानी निकलकर सागर तालाब में जाता था लेकिन इस नाले पर कब्जा कर मिठाई की दुकान बना ली गई है। पहले इस जमीन पर नगर पालिका ने शौचालय बनवा रखा था, लेकिन रसूखदार भू माफिया ने कब इस शौचालय को तोड़कर मिठाई की दुकान बना ली किसी को भनक तक नहीं लगी। यह पूरा खेल नगर पालिका के भ्रष्ट अफसरों की मिलीभगत से हुआ। वर्ष 2012 में जिसे की कलेक्टर रहीं डा रोशन जैकब ने इस नाले से अतिक्रमण को हटवाया था। मिठाई की दुकान के सामने वह जगह खाली पड़ी है लेकिन इस निर्माण पर प्रशासन का बुलडोजर अभी नहीं चल सका है। 

इनसेट

सीन -दो 

प्रशासन को चुनौती दे रहा तालाब की जमीन पर खड़ा स्कूल

गोंडा। सर्कुलर रोड पर गिर्द गोंडा ग्राम पंचायत का भूखंड संख्या 281 राजस्व अभिलेखों में तालाब के रूप में दर्ज है। इस तालाब में आवास विकास कालोनी का पानी जाता था लेकिन इस तालाब पर एक रसूखदार ने कब्जा कर स्कूल बना लिया। शिकायत होने पर जिला प्रशासन ने इसकी जांच कराई तो तालाब की जमीन पर स्कूल का निर्माण पाया गया। प्रशासन ने स्कूल संचालक पर 2.86 लाख का जुर्माना लगाते हुए स्कूल बिल्डिंग को गिराने का आदेश दिया। लेकिन यह आदेश फाइलों के बीच दबा धूल फांक रहा है। जिला प्रशासन के अफसर स्कूल प्रबंधक के रसूख के आगे नतमस्तक हैं और वह इस अवैध कब्जे को हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। 

सीन -तीन 

महारानीगंज घोसियाना से गरीबी पुरवा जाने वाली सड़क पर कब्जा

गोंडा। शहर के मोहल्ला महारानी गंज वार्ड से गरीबी पुरवा को जाने वाली सड़क पर दोनों तरफ अतिक्रमण के चलते सड़क पर चलने की जगह नहीं बची है। सड़क पर एक तरफ से दुकानें बनी हैं खुली है। जिसमें मीट की दुकानें बनी है। वहीं दूसरी तरफ लोगों ने नाले के ऊपर घर बनवा लिया है। इस कब्जे से पूरे इलाके की जलनिकासी बाधित है। तत्कालीन जिलाधिकारी रहे राम बहादुर ने यहां के अवैध अतिक्रमण को चिन्हित कराया था, लेकिन उनके स्थानान्तरण के बाद मामला दब गया। महरानीगंज के सभासद उर्मिला जायसवाल ने इस अवैध अतिक्रमण की शिकायत जिले के अफसरों से लेकर मुख्यमंत्री तक से कर चुके हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। 

सीन-चार

मिट गया शहर के सबसे बड़े मंडे नाला का आस्तित्व 

गोंडा। अंबेडकर चौराहे के करीब स्थित मंडे नाला कभी शहर का सबसे बड़ा नाला हुआ करता था। जानकीनगर, रानीपुरवा व कचहरी रेलवे स्टेशन के तरफ का पानी इली नाले से निकल जाता था। लेकिन यह नाला पूरी तरह से अतिक्रमण की चपेट में है। भू माफियाओं ने पहले नाले को पाटकर कब्जा किया और फिर प्लाटिंग कर उसे ऊंचे दामों पर बेंच दिया। जो जमीन बची थी उसे पाटकर एक स्कूल के रास्ते का निर्माण कर लिया गया। कब्जे का यह पूरा खेल प्रशासन की आंख के सामने होता रहा लेकिन कब्जा करने वाले रसूखदारों के सामने जिला प्रशासन सिर उठाने की हिम्मत नहीं जुटा सका।

इनसेट 

हटवाया जा रहा अतिक्रमण 

नगर में जहां भी अतिक्रमण है उसे हटवाया जा रहा है। अतिक्रमण किए गए स्थानों का चिह्नांकन किया जा रहा है। 

  • संजय मिश्रा, ईओ नपाप गोंडा 

इनसेट 

संज्ञान में आने पर होती है कार्रवाई 

शहर में सरकारी जमीनों पर किए गए अतिक्रमण की जानकारी होने पर कार्रवाई की जाती है। तालाब की जमीन पर स्कूल बिल्डिंग के बने होने का मामला मुख्यमंत्री व शासन के संज्ञान में है। डीएम के स्तर से कार्रवाई होनी है। 

  • अर्पित गुप्ता, सिटी मजिस्ट्रेट गोंडा 

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