ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

  • विपक्ष के हंगामें के कारण 20 दिन पहले ही शीतकालीन सत्र का समापन

भुवनेश्वर, (हि.स.)। ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र को 20 दिन पहले ही समाप्त कर दिया गया। ममिता मेहेर हत्या मामले को लेकर सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामें के कारण यह फैसला लिया गया।

सत्तापक्ष के मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के समापन को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। प्रस्ताव पेश होने के बाद विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

इस सत्र की खास बात यह रही की 9 कार्य दिवसों में बैठक होने के बावजूद एक दिन भी सदन स्वाभविक रूप से नहीं चल सका। किसी एक दिन भी प्रश्नकाल, शून्यकाल या कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी। प्रथम दिन सदन में दिवंगत सदस्यों एवं शहीदों के लिए शोक प्रस्ताव पारित किया गया और गुरुवार को दिवंगत सीडीएस बिपिन रावत और अन्य सैन्यकर्मियों के लिए शोक प्रस्ताव पारित किया गया। सदन के पहले दिन से ही कैप्टन दिव्यशंकर मिश्र के खिलाफ कार्रवाई और ममिता को न्याय प्रदान करने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे।

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