ओमिक्रोन है वैरिएंट ऑफ कंसर्न, सतर्कता ही है बचने का विकल्प : डॉ. अभिषेक

बेगूसराय,(हि.स.)। कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है तो दुनियाभर में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने दहशत फैला रखी है। इस नए वेरिएंट को बेहद संक्रामक माना जा रहा है। हालांकि इसके बारे में एक रिपोर्ट यह भी है इसके संक्रमण के पश्चात मोर्टलिटी रेट अपेक्षाकृत कम है। इस नए वेरिएंट की पुष्टि विश्व के 57 देशों में हो चुकी है, जिसमें भारत भी शामिल है। रिसर्च से पता चला है कि इस नए वेरिएंट में कई नए तरह के म्यूटेशन मिले है। इस नए वेरिएंट पर वैक्सीन कितनी प्रभावी है फिलहाल यह रिसर्च का विषय है। इस बीच कोरोना संक्रमण के शुरुआती काल से ही लोगों को जागरूक कर रहे डॉ. अभिषेक कुमार ने एक बार फिर सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।

डॉ. अभिषेक ने आज यहां बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस वेरिएंट को ”वैरिएंट ऑफ कंसर्न” माना जा रहा है। इसके साथ ही कई देशों के संगठन ने इसके इंफेक्शन रेट को लेकर चेतावनी दी है, क्योँकि वैक्सीनेटेड लोगों में भी इसके संक्रमण की रिपोर्ट सामने आ रही है। इसलिए वैक्सीनेटेड को भी सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। इस नए वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले कुछ अलग लक्षण दिखाई दे रहे हैं। देश में कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट ने भारी तबाही मचाई थी। पटना एम्स में हुए जांच में एक साल का एक बच्चा भी ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित मिला। इसलिए सुरक्षा और सतर्कता बेहद जरूरी है, मास्क का प्रयोग हर हाल में करें।

उन्होंने बताया कि ओमिक्रोन संक्रमण में तीन लक्षण बेहद सामान्य हैं। संक्रमित व्यक्ति में हल्के से मध्यम लक्षण ही दिखाई दे रहे हैं, इस कारण पहचान करना मुश्किल साबित हो रहा है। इसमें शामिल संक्रमित व्यक्ति में बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी की समस्या है। यह उन लोगों को आसानी से संक्रमित कर रहा है, जिन्हें पहले भी कोरोना हो चुका है। जिनकी वैक्सीनेशन पूरी नहीं हुई है, उन्हें भी इससे खतरा हो सकता है। ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित व्यक्ति में बहुत से लोगों को गले में खराश की समस्या हो रही है। बहुत से लोगों में स्क्रेची थ्रोट की समस्या भी देखी जा रही है। यह गले में गंभीर दर्द में भी तब्दील हो सकती है। इसके साथ ही कुछ मरीजों को गंभीर सूखी खांसी भी हो जाती है। बहुत कुछ करने के बाद भी कई लोगों की खांसी सही नहीं हो रही है। ओमिक्रोन का पता सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पता चला है। वहां के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ओमिक्रोन संक्रमितों में रात को बहुत ज्यादा पसीना आना एक कॉमन प्रॉब्लम है। कुछ मरीजों में देखा गया है कि कुछ मरीजों को इतना पसीना आता है कि उनके सारे कपड़े गीले हो जाते हैं। इसके साथ ही इनके शरीर में गंभीर दर्द की समस्या रहती है।

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