राज्यपाल ने लिखा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को पत्र : कहा बंगाल में कानून का नहीं पार्टी का शासन है

कोलकाता,(हि.स.)। मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ लगातार राज्य सरकार पर हमलावर हैं। अब राज्य में मानवाधिकार आयोग की निष्क्रियता को लेकर वह लगातार सवाल खड़ा कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा है जिसमें राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर नियमों को दरकिनार करने के दावे किए हैं।

15 दिसंबर को लिखे अपने पत्र की प्रति राज्यपाल ने रविवार को ट्विटर पर डाली है और इसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को टैग करते हुए उन्होंने लिखा है कि राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर ममता सरकार का रुख चिंतित करने वाला है। उन्होंने कहा है कि बंगाल में कानून का नहीं बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी का शासन चल रहा है और मानवाधिकार खत्म है। उन्होंने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को सहमति नहीं दिए जाने का जिक्र करते हुए लिखा है कि यहां नपराजित मुखर्जी को राज्य मानवाधिकार आयोग का चेयरमैन बनाए जाने में नियमों को ताक पर रख दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि गत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिवस के मौके पर राज्यपाल ने ममता सरकार की तीखी आलोचना की थी और कहा था कि पूरे देश में अगर कहीं मानवाधिकार सबसे अधिक प्रभावित है तो वह पश्चिम बंगाल है।

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