प्रधानमंत्री मोदी ने काशी से साधा उप्र के आखिरी दौर का चुनाव

-सातवें एवं अंतिम चरण में उप्र के नौ जिलों की 54 सीटों पर सात मार्च को मतदान

-योगी सरकार के कई मंत्री समेत 613 उम्मीवारों के भाग्य का होगा फैसला

वाराणसी, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दो दिवसीय प्रवास करके अंतिम चरण के चुनावी समीकरण को भाजपा के पक्ष में साधने की पुरजोर कोशिश की। रोड शो और संवादों के माध्यम से जहां उन्होंने लोगों को काशी के विकास माडल की याद दिलाई, वहीं सतत विकास के लिये सरकार की निरंतरता को भी जरूरी बताया।

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश को मथा, लेकिन आखिरी दौर में बनारस में दो दिन लगातार प्रवास करके उन्होंने अंतिम चरण के मतदाताओं को बड़ा संदेश दिया। साथ ही भाजपा उम्मीदवारों की राह भी आसान की। वाराणसी के व्यापारी विनय कुमार कहते हैं कि यहां के कई प्रत्याशी कमजोर नजर आ रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के आने से उन सब की स्थितियां काफी मजबूत हो गई हैं।

विनय कुमार के साथ गाजीपुर के दिलीप ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में प्रवास करके भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की थी। दशाश्वमेघ घाट पर टहल रहे एक छात्र रोहित ने कहा कि वाराणसी के लोग प्रधानमंत्री मोदी के फैन हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान जब वह यहां रुककर रोड शो करते हैं तो उनके समर्थक प्रत्याशी नहीं बल्कि कमल निशान देखते हैं और मतदान के वक्त कमल वाली बटन ही दबाते हैं।

गाजीपुर के दिलीप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ कारीडोर सहित वाराणसी में जो विकास कराया है, उसकी चर्चा पूरी दुनिया में है। ऐसे में इसका प्रभाव चुनाव के आखिरी दौर वाली सभी 54 सीटों पर पड़ेगा।

गौरतलब है कि उप्र विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत नौ जिलों की 54 सीटों पर सात मार्च को मतदान होना है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ की विधानसभा सीटें भी इसी चरण में हैं।

सातवें चरण में नौ जिलों की 54 सीटों पर कुल 613 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला 2.05 करोड़ मतदाता करेंगे। इस चरण में योगी सरकार के आठ मंत्रियों की भी प्रतिष्ठा दांव पर है। हालांकि इनमें से एक मंत्री, दारा सिंह चौहान मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर सपा के टिकट से मऊ की घोसी सीट से चुनाव मैदान में हैं। शेष सात मंत्रियों में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर वाराणसी की शिवपुर सीट से फिर किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं स्वतंत्र प्रभार के पर्यटन राज्य मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी वाराणसी दक्षिणी, स्टांप एवं निबंधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल वाराणसी उत्तर, आवास एवं शहरी नियोजन राज्य मंत्री गिरीश यादव जौनपुर, ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल मीरजापुर की मड़िहान, संगीता बलवंत गाजीपुर सदर और संजीव गोंड सोनभद्र के ओबरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं।

वर्ष 2017 के चुनाव में इन 54 सीटों में से भाजपा ने 29, सपा ने 11, बसपा ने छह, अपना दल (एस) ने चार, सुभासपा ने तीन और निषाद पार्टी ने एक सीट जीती थी। उस समय भाजपा के साथ सुभासपा भी थी, लेकिन इस बार उसका गठबंधन सपा के साथ है। वहीं अपना दल (एस) और निषाद पार्टी भाजपा के साथ चुनाव लड़ रही है। भाजपा और सपा के इन सहयोगी दलों का आधार भी पूर्वांचल ही है। इसलिए अंतिम चरण के चुनाव में इन दलों की भी प्रतिष्ठा दांव पर है।

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