जम्मू कश्मीर में बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए उपराज्यपाल ने कई परियोजनाओं का किया उद्घाटन

अनंतनाग, (हि.स.)। केंद्र शासित प्रदेश में बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करके बिजली क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशासन ने एक और कदम उठाया है। बुधवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अनंतनाग में जम्मू और कश्मीर बिजली विकास विभागके निष्पादित 42 पारेषण और वितरण परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं पर 357 करोड़ रुपये खर्च हुआ है।

इस मौके पर उपराज्यपाल ने कहा कि नई निष्पादित बिजली परियोजनाओं से कश्मीर संभाग के सभी 10 जिलों में बिजली आपूर्ति में काफी सुधार होगा। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि इन संवर्धित सुविधाओं के संचालन से क्षेत्र में चहुंमुखी विकास सुनिश्चित होगा।

विकसित और प्रगतिशील जम्मू और कश्मीर की नींव रखने के लिए अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री की पहल को याद करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि यूटी प्रशासन ने प्राथमिकता के आधार पर आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सड़कों, बिजली और पानी की बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच सुनिश्चित की है। सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों पर बोलते हुए उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर के बिजली के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सुधारने के लिए की गई पहलों पर प्रकाश डाला, जो पिछले कई दशकों से जीर्ण-शीर्ण हो गया था।

उपराज्यपाल ने कहा कि यह हमारा सामाजिक दायित्व है कि हम जम्मू-कश्मीर को एक आत्मनिर्भर, तेजी से बढ़ते क्षेत्र के लिए बिजली बनाएं। मौजूदा बिजली घाटे को दूर करने के लिए हमने बड़े पैमाने पर क्षमता वृद्धि कार्यक्रम शुरू किया है। 70 वर्ष में जम्मू-कश्मीर केवल 3500 मेगावाट का उपयोग करने में सक्षम था और अब उत्पादन क्षमता तीन वर्ष में दोगुनी और सात वर्षों में तीन गुनी होने वाली है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 2000 करोड़ रुपये की पारेषण और वितरण परियोजनाएं पूरी की जा रही हैं और केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में सब-ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए छह हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है। इससे प्रशासन को शहरों और गांवों के बीच बुनियादी ढांचागत अंतर को पाटने में मदद मिलेगी। अगस्त 2019 से सात दशकों में प्राप्त 8394 एमवीए क्षमता की तुलना में कुल क्षमता में 3806 एमवीए जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि एक बार प्रतिष्ठित लद्दाख-जम्मू कश्मीर-पंजाब ट्रांसमिशन लाइन परियोजना को केंद्र सरकार द्वारा अंतिम मंजूरी मिल जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में बिजली की उपलब्धता में कोई कमी नहीं होगी।

उपराज्यपाल ने अगले चार वर्ष में केंद्र शासित प्रदेश की बिजली को सरप्लस बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और लोगों से इस परिवर्तनकारी यात्रा में समान भागीदार बनने का आग्रह किया।

बुधवार को उपराज्यपाल ने जिन परियोजनाओं का उदघाटन किया है, उनमें जीएसएस मीरबाजार को 320 एमवीए से बढ़ाकर 475 एमवीए, जीएसएस मट्टन को 70 एमवीए से बढ़ाकर 100 एमवीए, जीएसएस लिसार को 50 एमवीए से 100 एमवीए, जीएसएस अमरगढ़ को 97.5 से 135 एमवीए, नया 100 एमवीए, 132/33 केवी जीआईएस खानयार, डी/सी 132 केवी ग्रेड भूमिगत केबल जीएसएस वांगानपोरा से जीआईएस खानयार तक करने का कार्य शामिल है। इसके अलावा पूरे कश्मीर में 15 नए 33 केवी रिसीविंग स्टेशन, ग्यारह 33/11 केवी रिसीविंग स्टेशनों का संवर्द्धन, सब-ट्रांसमिशन और वितरण कार्य भी शामिल है।

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