बेगूसराय, (हि.स.)। केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर बेगूसराय में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के नाम पर साहित्य महोत्सव तथा प्रसिद्ध शक्तिपीठ जयमंगला गढ़ के नाम पर जयमंगला महोत्सव मनाने का अनुरोध किया है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार ने पूर्व में साहित्य महोत्सव एवं जयमंगला महोत्सव मनाने का निर्णय लिया था। इस संबंध में बिहार सरकार के संस्कृति एवं युवा विभाग ने इसके लिए बजटीय प्रावधान भी किया था। यह महोत्सव आयोजित भी हुए, लेकिन बाद के दिनों में कोरोना के कारण महोत्सव नहीं मनाया जाने लगा। इसके बाद अब जब सबकुछ सामान्य हो चुका है तो एक बार फिर बिहार सरकार के संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री डॉ. आलोक रंजन को पत्र लिखकर दिनकर साहित्य महोत्सव एवं जयमंगला गढ़ महोत्सव मनाने के लिए आवश्यक निर्देश देने की मांग की है।
भाजपा नेता-सह-सांसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर ने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री-सह-स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह ने बेगूसराय के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों पर आधारित महोत्सव के लिए बिहार सरकार से अनुरोध किया है। यह महोत्सव जिले के मजबूत साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करेगा। उल्लेखनीय है कि बेगूसराय ना केवल राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मभूमि है, बल्कि देश के हिन्दी साहित्य पट्टी में यह बिहार की साहित्यिक राजधानी भी मानी जाती है। सालोंभर यहां कवि, साहित्यकार और रंगकर्मी आते रहते हैं, कार्यक्रमों का सिलसिला लगातार चलते रहता है। दूसरी ओर बिहार के एकलौते रामसर साइट काबर झील के बीचो-बीच स्थित जयमंगला गढ़ चर्चित शक्तिपीठ है। यहां दूर-दूर से लोग दो सौ प्रकार से अधिक देसी-विदेशी पक्षियों का नजारा देखने तथा नौका विहार करने के साथ-साथ पूजा-अर्चना के लिए आते रहते हैं।
रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बनने से कुछ माह बतौर राज्यपाल तथा बिहार कोकिला पद्मभूषण शारदा सिन्हा भी जयमंगला गढ़ आ चुकी हैं। इन्हीं सब साहित्य और सांस्कृतिक समृद्धि के कारण गिरिराज सिंह ने एक बार फिर दोनों महोत्सव आयोजित करने की मांग किया है।