सीजेएम के आदेश पर आठ दरोगा समेत 20 पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद दर्ज

युवक को फर्जी मुकदमे में फंसाने के मामले में बढी़ं पुलिस कर्मियों की मुश्किलें

गोंडा। जान से मारने की धमकी देने व फर्जी मुकदमे में फंसाने के चार साल पुराने मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने धानेपुर व इंटियाथोक के तत्कालीन थानाध्यक्ष, लकड़मंडी चौकी प्रभारी समेत आठ उपनिरीक्षक व 12 पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद दर्ज करके परिवादी को साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। वर्तमान में आरोपित थानाध्यक्ष समेत कई अन्य पुलिस कर्मी गैर जनपदों में तैनात हैं।
जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र अंर्तगत ग्राम इमलिया मिश्र के मजरे जरवलिया के रहने वाले मुकेश तिवारी पुत्र रवीन्द्र कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय पर प्रार्थना पत्र देकर कहा कि उसकी जमीन के अगल-बगल कोई रास्ता न होने के बावजूद साल 2014 में उसके विपक्षी सड़क बनवाने लगे। मना करने पर विपक्षियों ने उसे और परिजनों को जमकर पीटा। इस पर उसने विपक्षियों के खिलाफ कोतवाली देहात में मुकदमा कराया। मुकेश का आरोप है कि तब कोतवाली में तैनात विपक्षियों के रिश्तेदार उपनिरीक्षक दिग्विजय नाथ शाही व बृजनंदन सिंह ने विपक्षी की ओर से क्रास मुकदमा दर्ज करा दिया, जिसका आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल हो गया। किन्तु मेरे मुकदमे का आरोप पत्र दाखिल नहीं हुआ। इसके बाद दोनों दरोगा उसकी भूमि पर जबरन सड़क पटवाने व मुकदमे में सुलह कराने का दबाव बनाने लगे। न मानने पर उन्होंने फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। मुकेश का कहना है कि 20 जनवरी 2018 को इटियाथोक में ट्रैक्टर की लूट हुई, जिसकी बरामदगी तत्कालीन लकड़मंडी चौकी इंचार्ज दिग्विजय नाथ शाही ने नवाबगंज में किया। लेकिन उसे फंसाने की नीयत से ट्रैक्टर-ट्राली लाकर उसके घर से थोड़ी दूर दिखाकर उसके ऊपर फर्जी मुकदमा लिख दिया। इसकी जानकारी जब उसे हुई तो उसने 27 अप्रैल 2018 को न्यायालय पर आत्मसमर्पण के लिए प्रार्थनापत्र दिया। इसके बाद वह न्यायालय में आत्मसमर्पण के लिए अपने भाई पंकज व चाचा राजेन्द्र कुमार तिवारी के साथ जा रहा था। उसी समय दिग्विजय नाथ शाही, तत्कालीन एसओजी टीम व धानेपुर की पुलिस ने उसे मार डालने की नीयत से दीवानी कचहरी गेट से पकड़ लिया। वहां से धानेपुर ले गई। इसकी जानकारी उसके भाई पंकज ने अपने अधिवक्ता को दी। अधिवक्ता ने न्यायालय के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक को भी इसकी सूचना दी। आरोप है कि पुलिस कर्मी उसे मारने की साजिश रच रहे थे। तभी पुलिस अधीक्षक के पेशकार का फोन आ गया, जिससे उसकी जान बच गई। पीड़ित मुकेश तिवारी के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया है। साथ ही पीड़ित परिवादी को बयान दर्ज कराने के लिए आगामी 17 मई को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
आठ दरोगा, 12 पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद
नवाबगंज की पुलिस चौकी लकड़मंडी के तत्कालीन प्रभारी उपनिरीक्षक दिग्विजय नाथ शाही, कोतवाली नगर में तैनात दरोगा मनोज कुमार राय, संदीप दूबे व रतन कुमार पांडेय, संदीप दूबे, धानेपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष अतुल कुमार चतुर्वेदी, इंटियाथोक के तत्कालीन थानाध्यक्ष दुर्गेश कुमार सिंह, वरिष्ठ उपनिरीक्षक रामशंकर यादव व दरोगा अश्वनी कुमार पांडेय व चौकी लकड़मंडी के आरक्षी राकेश पांडेय व हीरानंद यादव, एसओजी टीम के आरक्षी मुलायम यादव, श्रीनाथ शुक्ल, राज कुमार सिंह, अजीत कुमार सिंह, अभिनेष पांडेय, राजू सिंह व आशीष कुमार, धानेपुर थाने के आरक्षी शिवजीत यादव तथा इंटियाथोक में तैनात रहे सिपाही मनीष कुमार व सुरेश कुमार राणा के खिलाफ परिवाद दर्ज हुआ है।

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