सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करेंः उलेमा बोर्ड

  • मुस्लिम संगठनों ने कमेटियों को मस्जिदों के आसपास सीसीटीवी लगाने की सलाह दी

नई दिल्ली,(हि.स.)। मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान दिए जाने का मामला दिन-प्रतिदिन तूल पकड़ता जा रहा है। हिंदुत्ववादी संगठनों की तरफ से अजान के समय मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ किए जाने के ऐलान के बाद से यह मामला और भी पेचीदा हो गया है। इस दौरान मुस्लिम संगठनों की तरफ से देशभर में मस्जिदों की सुरक्षा को लेकर के चिंता व्यक्त की जा रही है। कई बड़े मुस्लिम संगठनों ने मस्जिद कमेटियों को मस्जिदों के आसपास सीसीटीवी कैमरा लगाने की सलाह भी दी है।

इस बीच ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने देशभर की मस्जिद कमेटियों से अपील की है कि वह इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट की पहले से ही मौजूद गाइडलाइन पालन करें। बोर्ड का कहना है कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल जरूरत के लिए है और सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए समय सीमा भी निर्धारित की है। इस पर अमल करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के महासचिव अल्लामा बुनाई हसनी ने कहा है कि देश में सांप्रदायिक शक्तियां सर उठा रही हैं। जगह-जगह मस्जिदों के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया जा रहा है। रामनवमी के दिन देश के कई हिस्सों में मस्जिदों के बाहर निकाले गए जुलूस की वजह से हिंसा भड़की है और आज भी कई स्थानों पर दंगों को काबू करने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है।

अल्लामा का कहना है कि लाउडस्पीकर पर अजान दिए जाने का मामला कोई नया नहीं है क्योंकि बरसों से मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अजान दी जाती है। अब कुछ लोगों के जरिए लाउडस्पीकर से मस्जिदों से अजान दिए जाने पर आपत्ति जताई जा रही है। उनका कहना है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की बाकायदा एक गाइडलाइन पहले से ही मौजूद है जिस पर अमल करते हुए मस्जिद कमेटियों के जिम्मेदारों को इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किस समय कितने वक्त के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके साथ ही उन्होंने देश भर की सभी मस्जिदों के जिम्मेदारों से अपील की है कि मस्जिदों की सुरक्षा की को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरा लगाएं और उसका पूरा रिकार्ड्स भी रखें ताकि किसी भी अप्रिय घटना होने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।

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