गोंडा। स्थानीय मीना शाह इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट द्वारा वर्षा जल संचयन को लेकर एक अनूठी पहल की गई। जिसमें संस्था के मैनेजर हसन सईद ने लगातार भूजल के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त की और इसको ध्यान में रखते हुए संस्था के प्रांगण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शुरुआत की जिससे भूजल के गिरते स्तर को मेन्टेन किया जा सके।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कार्य को एमर्जिंग एन्वायरो-टेक सलूशन & सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं पर्यावरण अभियंता वसीम अहमद की देखरेख में किया जा रहा है । बताते चलें कि यह संस्था कई वर्षों से दिन प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदूषण विशेषकर जल प्रदूषण की रोकथाम, भूजल रिचार्ज, नदी, तालाबों एवं अन्य प्राकृतिक जल श्रोतों का संरक्षण करने की दिशा में कार्य कर रही है। वसीम अहमद ने कहा कि भूजल रिचार्ज के कई सारे तरीके हैं, जो वहां के भूजल स्तर, मिट्टी के प्रकार इत्यादि पर निर्भर करते हैं। यह भी जरूरी नही है कि भूजल रिचार्ज ही किया जाय, इसको आप टैंक्स में स्टोर भी कर सकते हैं और बजाय जमीन से पानी निकालने के आप इससे पौधों की सिंचाई, फर्श, गाड़ी, धुलाई, साफ सफाई, उड़ती हुई धूल की रोकथाम के लिए छिड़काव इत्यादि या प्राइमरी ट्रीटमेंट देकर पीने में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
भूजल का दिन-प्रतिदिन गिरता स्तर किसी एक राज्य अथवा देश की समस्या नहीं है बल्कि एक वैश्विक समस्या है। जिसपर समय रहते विचार नहीं किया गया तो आने वाले भविष्य में जल की समस्या सबसे बड़ी समस्या बन जायेगी।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मीना शाह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट तथा एमर्जिंग एन्वायरो-टेक संस्था द्वारा जागरूकता फैलाने का सामूहिक प्रयास किया जा रहा है कि सभी लोग अपने घरों, इंडस्ट्री, हॉस्पिटल, स्कूल, कॉलेज, होटल इत्यादि में भूजल रिचार्ज अथवा स्टोर सिस्टम जरूर अपनाएं।