Gonda railway station:यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने का ढकोसला

रेलवे स्टेशन पर पीने व शौच के लिए पानी का अकाल
एक दर्जन से अधिक ट्रेने व हजारों की संख्या में यात्रियों का आवागमन
गोंडा। इस समय रेलवे स्टेशन पर यदि किसी यात्री को पीने के लिए व शौचालय प्रयोग करने के लिए पानी की जरूरत हो तो उसे अपने घर से ले जाना पड़ेगा। रेल नीर की आपूर्ति कई माह से ठप है। बाहर से पानी बिक नहीं रहा है। वंही गोंडा रेलवे स्टेशन सबसे व्यस्तम रुट होने के नाते करीब दो दर्जन से अधिक ट्रेने व करीब 20 हजार से अधिक यात्रियों का आना-जाना होता है। शौचालय में पानी का अकाल है। प्लेटफार्म पर कुत्ते और बंदरों की भरमार है। ऐसे में गोंडा स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों के सामने संकट ही संकट है। इसको लेकर लोंगो ने कई बार शिकायत की लेकिन उसका अभी तक कोई निस्तारण नही हो पाया।

रेलवे के अधिकारियों द्वारा समय समय पर दावा किया जाता है कि यात्री सुविधाओं की जो आवश्यकता होगी रेल प्रशासन उसे पूरा करने के लिए कोई कमी नहीं करेगा। यात्रियो को समुचित व्यवस्था व बेहतर सेवा देने के लिए तत्पर है। परंतु हकीकत बिलकुल इसके विपरीत है। अगर पूछा जाय कि यात्रियों को पर्याप्त सुविधाएं मिल रही है तो जवाब है नहीं? क्योंकि रेलवे स्टेशन गोंडा जंक्शन पर विगत पंद्रह दिनों से प्लेटफार्म संख्या एक पर पानी उपलब्ध नहीं है। यहाँ तक कि शौचालय में भी पानी नहीं आ रहा है। स्टेशन पर मौजूद तमाम यात्री भी पानी के लिए इधर उधर भटक रहे थे। जब स्टेशन पर कुछ रेल कर्मचारियों से इस बारे में जानकारी मांगी गई तो उन लोगों का साफ कहना था कि सभी अधिकारी इस समस्या से अवगत हैं। अब विडम्बना यह है कि उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा।
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मनाया जा रहा स्वच्छता पखवाड़ा


रेलवे सोलह सितंबर से दो अक्तूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा अभियान चला कर स्टेशन को साफ सुथरा एवं स्वछ रखने के लिए यात्रियों को जागरूक कर रहा है। दूसरी तरफ स्टेशन पर आवारा कुत्ते इधरउधर बैठे मिले। अभी तक स्टेशन पर बंदरों के आतंक से यात्री परेशान थे। अब खबर यह भी मिल रही है कि कुत्ते स्टेशनों पर छोटे बच्चों पर हमला कर रहें हैं। इन कुत्तों को स्टेशन पर रोक लगाने की रेल प्रसाशन के पास कोई व्यवस्था नहीं है।
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सर्कुलेटिंग एरिया में वाहनों की भरमार


यात्रियों के लिए स्टेशन के बाहर सर्कुलेटिन एरिया में दो पहिया एवं चौपहिया वाहन खड़ा करना निषेध है। परंतु उसी एरिया में टैक्सी चालक धड़ल्ले से अपना चौपहिया वाहन खड़ा कर सवारी भरतें है। अब सवाल यह उठता है कि रेलवे में इस तरह का नियम किसने और क्यों बना रखा है। अगर यात्री वाहन खड़ा करे तो चालान होता है और अवैध टैक्सी पर कोई कार्यवाही नहीं?
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यात्रियों समस्या बिल्कुल जायज है। प्लेटफार्म नंबर-2 तैयार हो रहा है और पानी की सप्लाई नही हो पा रही है। जल्द ही इस समस्या का निस्तारण कराया जा रहा है। स्वच्छता को लेकर सारी व्यवस्था ठीक है लेकिन ऐसी कोई समस्या है तो इसको सबंधित से जानकारी ली जायेगी। वंही सर्कुलेटिंग एरिया में अवैध वाहनों को लेकर आईपीएफ से बात करके इसको सही कराया जायेगा।
मनीष कुमार, एरिया मैनेजर

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