कृषि कानून: कृषि कानून वापसी बिल पर दोनों सदनों की मुहर के बाद जश्न का माहौल

नई दिल्ली, (हि.स.)। कृषि कानून वापसी बिल पर दोनों सदनों की मुहर के बाद सिंघु बॉर्डर पर जश्न का माहौल है। कानून वापसी के बाद जश्न मना रहे किसान सिंघु बॉर्डर पर एक-दूसरे को मिठाई खिलाते देखे गए। बॉर्डर पर सोमवार को किसानों का जत्था नई उमंग और नए जज्बे के साथ नजर आया। लेकिन जश्न के बीच ये कृषि कानून वापसी के बाद अब ये एमएसपी को लेकर अड़ियल रूख अपनाते हुए नजर आ रहे हैं। मौज-मस्ती के बीच दिनभर सिंघु बॉर्डर पर जमे किसानों के बीच एमएसपी को लेकर ही आपस में चर्चा होती रही।

अभी और भी काफी कुछ मनवाएंगे

छोटे-छोटे समूह में चर्चा कर रहे लोगों के बीच होशियारपुर से आए प्रभजोत ने कहा कि अभी तो हम और भी मांगे मनवाएंगे। ये तो शुरूआत है। सिर्फ कानून वापसी भर से किसानों के हित नहीं पूरे होते। अभी बहुत कुछ और भी तय होना बाकी है। इसके लिए आगे की रणनीति क्या होगी, इसका किसानों को इंतजार है। प्रभजोत के साथ पिछले करीब 10 महीने से सिंघु बॉर्डर पर जमे नवजोत का कहना है कि हमलोगों ने पूरे साल संघर्ष किया कृषि बिलों की वापसी के लिए।

अब हमलोग एमएसपी के लिए संघर्ष करने से भी पीछे नहीं रहेंगे। बस जो भी करना है उसकी रूपरेखा आंदोलनरत किसान संगठनों के प्रमुखों द्वारा तय की जा रही है। हमलोग तो वहीं करेंगे, जो भी हमारे नेताओं रणनीति का हिस्सा होगा।

अभी बॉर्डर से हटने के मूड में नहीं किसान

बेशक कृषि कानून बिल की वापसी हो गई, लेकिन बॉर्डर पर बैठे किसान वहां से हटने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर तो कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान करने के बाद से ही जश्न का माहौल है। लेकिन इसके बाद से यहां भीड़ लगातार बढती ही जा रही है। और जिस तरह से लोग वहां एकत्र हो रहे हैं, धीरे-धीरे लोगों की भीड़ बढ़ रही है, उससे तो यह लगता है कि ये अभी यहां से हटने के मूड में नहीं हैं।

टिकरी बॉर्डर: मस्ती में झूमे लोग, जमकर हुआ भांगड़ा

वहीं टिकरी बॉर्डर पर भी मस्ती का माहौल रहा। यहां जैसे ही किसानों को यह पता चला कि कृषि कानून वापसी बिल पर दोनों सदनों की मुहर लग गई है तो लोग मस्ती में झूमने लगे। हर तरफ जश्न का माहौल था छोटे-छोटे समूह में किसानों का जत्था भांगड़ा करते नजर आया। आलम यह था कि एक तरफ भांगड़ा जश्न मन रहा था तो दूसरी तरफ फोक पंजाबी गीतों का भी किसान आनंद ले रहे थे।

विजय ज़ुलूस जैसा मार्च दिखा

टिकरी बॉर्डर पर नाच-गाना और भांगड़ा के बीच भक्ति रस और देशभक्ति के रंगो में रंगे हुए किसान नजर आए। वहीं दूसरी तरफ किसानों का जत्था कानूनी वापसी के बाद इलाके में इस तरह से घूमते हुए नजर आया, मानों यहां कोई विजय जुलूस निकाला जा रहा हो। हालांकि इस मार्च के दौरान भी लोग मस्ती करते हुए ही दिखाई दिए।

भजन कीर्तन भी होता रहा

वहीं छोटे-छोटे समूह में किसानों का जत्था गुरबाणी और भजन-कीर्तन करते हुए भी नजर आया। लोगों ने कई संगतों में टिकरी बॉर्डर पर गुरु का पाठ किया। यहां मौजूद लोगों को धार्मिक रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया गया।

वहीं सिख धर्म से संबंधित वीरगाथाओं पर भी चर्चा जारी रही। छोटे-छोटे समूह में मौजूद लोग यहां आपस में एक-दूसरे से गले मिलते नजर आए। साथ ही यहां पहुंचने वाले हर शख्स के लिए जलपान का पूरा इंतजाम किया गया था। यहां पहुंचने वालों को कुछ लोग पूरी-सब्जी भी बांटते नजर आए तो कुछ मिठाइयों से मुहं मीठा कराते नजर आए।

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