काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण समारोह में आयेंगे देशभर के संत-महात्मा, तैयारी पूरी

संत और महात्मा देखेंगे संकरी गलियों से बाबा धाम कैसे भव्यतम स्वरूप में आया

-खास रवियोग और महा सिद्धियोग के संयोग में प्रधानमंत्री धाम को करेंगे लोकार्पित

वाराणसी, र (हि.स.)। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण समारोह में धर्म नगरी काशी में देश के सभी संतों, शंकराचार्य, मंदिरों और मठ आश्रमों के पीठाधीश्वर, धार्मिक और हिन्दू संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी शामिल होंगे। संभावना है कि समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और अन्य पदाधिकारी भी शामिल होंगे।

वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से राज्य सरकार निमंत्रण पत्र भेजने की तैयारी में लगी हुई है। सरकार की कोशिश है कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण समारोह में आये संत काशी में हुए बदलाव को देख सकें। समारोह में संतों को दिखाया जाएगा कि कैसे संकरी गलियों से बाबा विश्वनाथ का भव्य धाम बना। समारोह में सरकार लगभग 25 हजार संतों को बुलाने की कवायद में लगी हुई है। धाम के लोकार्पण समारोह में सनातन धर्म के सभी संप्रदाय, परंपरा और मार्ग के लोगों के साथ दक्षिण की परंपरा के वीरशैव और लिंगायत संत भी आयेंगे।

धाम में श्री काशी विद्वत परिषद के निर्देशन में संपूर्ण अनुष्ठान होगा। काशी के प्रसिद्ध कर्मकांडी ब्राह्मण ही अनुष्ठान को संपन्न कराएंगे। इस भव्य लोकार्पण समारोह का प्रसारण देशभर के समस्त देवालयों, तीर्थों व सार्वजनिक स्थलों पर करने के लिए शासन स्तर पर तैयारी चल रही है।

श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण समारोह खास रवियोग और महा सिद्धियोग के संयोग में कराने की तैयारी चल रही है। गणेश अथर्वशीर्ष और शिवसूक्त के पाठ के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धाम को राष्ट्र के लिए लोकार्पित करेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों की निगरानी कर रहे है।

उधर,श्री काशी विश्वनाथ धाम की फिनिशिंग के कार्य अन्तिम दौर में है। लोकार्पण की तैयारियां भी जोरशोर से चल रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना में काशी विश्वनाथ दरबार की रंगत निखर कर सामने आ गई है। कारिडोर का मुख्य द्वार जलासेन घाट पर बन रहा है। लगभग 32 फीट ऊंचे और 90 फीट चौड़े द्वार से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 दिसम्बर को बाबा के दरबार में आयेंगे।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास और श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ( सीईओ) सुनील वर्मा ने मंगलवार को बताया कि मंदिर के लोकार्पण समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो चली है। धाम का निर्माण सिर्फ काशी के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है। विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के अन्तिम दौर के कार्यो के लिए लगातार दूसरे दिन मंदिर के आंशिक बंदी और बुधवार एक दिसम्बर को पूर्ण बंदी के लिए सीईओं ने बनारस के लोगों का आभार जताया। उन्होंने बताया कि इन तीन दिनों में मंदिर के गर्भगृह में मकराना के संगमरमर लगाने, शिखर की भीतरी दीवारों की सफाई तथा गर्भगृह के अंदर लाइटिंग का काम पूरा कराया जा रहा है। दो दिसम्बर से आम श्रद्धालु बाबा का पहले की भांति दर्शन कर पायेंगे।

उन्होंने बताया कि गंगा किनारे मणिकर्णिका व लालिता घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर तक करीब 54 हजार वर्ग मीटर में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट लगभग अन्तिम दौर में है। कॉरिडोर गंगा नदी के ललिता घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर से सीधे जुड़ रहा है। श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के बाद वहीं से सीधे बाबा दरबार में दर्शन पूजन कर पायेंगे। श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के दौरान ही काशी विश्वनाथ मंदिर को निहार सकेंगे। मंदिर चौक के बाहर की सभी 24 भवनों की इमारतें आकर्षण का केन्द्र है। कॉरिडोर में नक्काशीदार इमारतों और खंभों के बीच में गर्भगृह और स्वर्णशिखर दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया कि कॉरिडोर में आने वाले श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का दर्शन के साथ ही उनकी महिमा को भी जानेंगे। उपनिषद, वेद और पुराणों के आधार पर मिली काशी के महात्म्य की जानकारी का चित्रात्मक वर्णन, श्लोक संख्या, हिंदी अनुवाद समेत सभी जानकारियां संगमरमर की दीवारों पर उकेरी गई है।

उल्लेखनीय है कि कॉरिडोर में जलासेन घाट से मंदिर चौक के बीच में बनाई गई गंगा व्यू गैलरी अपने भव्यतम रूप में सामने आ गई है। गंगा व्यू गैलरी से खड़े होकर शिवभक्त बाबा विश्वनाथ के स्वर्ण शिखर और मां गंगा के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के चारों ओर एक परिक्रमा पथ भी बनाया गया है जिसमें मणिमाला के दूसरे मंदिरों के दर्शन और परिक्रमा भी श्रद्धालु कर पायेंगे।

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