संगीत के शिक्षार्थी स्कूलों के बच्चों को दे संगीत की शिक्षा : आनंदीबेन पटेल

-राज्यपाल ने भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में संगीत के पारंगतों को दिया पाठ

-सीडीएस जनरल विपिन रावत सहित अन्य सैन्य अधिकारियों को मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

-कथक नृत्य विषय की छात्रा मनीषा तिवारी ने पाए सबसे ज्यादा छह पदक

लखनऊ, (हि.स.)। संगीत में शिक्षार्थियों को चाहिए कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को ऑनलाइन संगीत की शिक्षा दे। देश की सरहद पर तैनात वीर सैनिकों के लिए संगीत के जरिए कुछ करें। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को आयोजित विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में ये पाठ संगीत में मेडेल पाए छात्र-छात्राओं को दिए। कलामंडपम् सभागार में आयोजित समारोह की वह अध्यक्षता कर रही थीं ।

26 जनवरी को स्कूली बच्चों की कराए विभिन्न विषयों की प्रतियोगिता

राज्यपाल ने भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के कुलपति और शिक्षकों से कहा कि आने वाली 26 जनवरी को विभिन्न स्कूलों में संगीत, कला, नृत्य इत्यादि विषयों के लेकर एक प्रतियोगिता कराएं और उसमें विजेता छात्र-छात्राओं को इस विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित करके सम्मानित करें। इससे पहले समारोह की शुरूआत में राज्यपाल सहित सभी शिक्षकों और शिक्षिार्थियों ने हेलीकॉप्टर हादसे में दिवंगत सीडीएस जनरल विपिन रावत सहित अन्य सैन्य अधिकारियों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।

राज्यपाल ने बेटियों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर जताई चिंता

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बेटियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को चिंता जताई। उन्होंने बताया कि एक बलिकाओं के स्वास्थ सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया कि बहुत सी बलिकाओं के खून में हिमोग्लोबीन का प्रतिशत मात्र 7-8 प्रतिशत है। जबकि यह 13 प्रतिशत होना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि बेटियों को अच्छा खिलाए-पिलाएं। जब एक लड़की स्वस्थ रहेगी तभी वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे पाएंगी। उन्होंने बताया कि यह पाया गया कि न जाने कितने बच्चे डिलवरी के समय ही मर जाते हैं।

इसके अलावा राज्यपाल ने बताया कि गुजरात में शिक्षामंत्री रहते हुए हमने पाया कि एक जगह पर केवल 49 प्रतिशत लड़किया ही पढ़ी-लिखी हैं। बाकी सब अनपढ़ हैं। तब हमने हर घर से लड़कियों को स्कूल भेजने का अभियान चलाया। 10 साल बाद उसका परिणाम आया कि शत-प्रतिशत लड़किया शिक्षित हो चुकी थीं। प्रधानमंत्री मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने तभी ही बेटी पढ़ाओं और बेटी बचाओं का मंत्र दिया था।

आत्म निर्भर बनने की दी प्रेरणा

राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में आत्मनिर्भता की बात भी कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की बात कही है। देश आत्मनिर्भर कैसे बनेगा ? जब हर व्यक्ति अपने आत्मनिर्भर नहीं बनेगा। उन्होंने शिक्षार्थियों से कहा आत्म निर्भर बनिए। इसके लिए उन्होंने कुछ उदाहरण भी दिए। इसके अलावा उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए और भी मंत्र दिए।

अभी संगीत ही ऐसा क्षेत्र है जहां गुरूओं के प्रति है आदर : साजन मिश्रा

समारोह के विशेष अतिथि बनारस घराने के प्रसिद्ध शास्त्रीय पुरोधा साजन मिश्रा ने दीक्षांत समारोह में कहा कि यह देखकर मुझे अपना बचपना याद आ गया। कभी हमे भी ऐसे मेडेल मिला था। उन्होंने कहा कि अभी संगीत ही ऐसा क्षेत्र बचा है, जिसमें गुरूओं के प्रति आज भी आदर है। जब हम पढ़ते थे तो अपने गुरूओं के पास जाकर चरण छूू आते थे, लेकिन यह परम्परा खतम ही हो गई है। इसके अलावा उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी कि जीवन में तरक्की करें।

उधर दीक्षांत समारोह में कथक नृत्य विषय की छात्रा मनीषा तिवारी को सबसे ज्यादा छह पदक मिले। उन्हेें राय उमानाथ बली स्वर्ण पदक, युवा आदित्य रंजन स्वर्ण पदक सहित छह पदक मिले। इसके बाद कुंवर सत्य प्रकाश को चार, तनूजा बोरा को दो, टीएचएम ओशंदी निर्मानी को तीन पदक मिले। समारोह मेें कुल 45 पदक बाटे गए। जिसमें 27 स्वर्ण , 10 रजत ओ 8 कांस्य पदक शामिल हैं। कुल 22 संगीत के शिक्षार्थियों को पदक मिल पाए ।

कुमाऊं मेें ही संगीत की शिक्षा देना चाहती हूं : मनीषा तिवारी

समारोह में सबसे ज्यादा पदक पाने वाली मनीषा तिवारी ने कहा कि पूरे विश्वविश्वविद्यालय में सबसे ज्यादा पदक हासिल करने पर मैं अपने को गौरान्वित महसूस कर रही हूं। अपनी संगीत यात्रा के बारे में उन्होंने बताया कि घर में संगीत का माहौल नहीं है। हां, मां लीलावती तिवारी का सहयोग रहा। भविष्य की योजना के बारे में बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय में सेवा देना चाहती हूं। उन्होंने बताया कि जिस तरह से हमे शिक्षा ग्रहण करने के लिए लखनऊ आना पड़ा, उस तरह से दूसरों को न आना पड़े। मैं वापस वहीं चली जाऊंगी।

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