वाशिंगटन, 20 मार्च (हि.स.)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच प्रस्तावित वार्ता की सफलता को लेकर संशय प्रकट किया जाने लगा है।
अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया की मानें तो पुतिन ने दोनों देशों के बीच जारी शांति वार्ता के दौरान किसी भी दिन, समय पर जेलेंस्की से सीधी बातचीत के लिए सहमति जता दी है। यह वार्ता कब कहां, कैसे और किन किन शर्तों पर आधारित होगी, इसके लिए दोनों पक्षों में अभी से संशय प्रकट भी किया जाने लगा है।
रिपोर्ट है कि इस वार्ता के लिए पुतिन पर अंतरराष्ट्रीय नेताओं का दबाव पड़ रहा है। इनमें इज़राइल के प्रधान मंत्री बेनेट नेफताली का नाम लिया जा रहा है, जो सीरियाई गृह युद्ध के संकट के समय इज़राइल के मददगार रहे हैं। अमेरिकी ख़ेमे में रहने के बावजूद इज़राइल ने भू-राजनैतिक कारणों से यूक्रेन पर रूस के हमले की अभी तक निंदा नहीं की है। इज़राइल में आधे दर्जन दलों की मिलीजुली सरकार के प्रधानमंत्री ने रूस पर पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों पर भी फूंक-फूंककर बयान दिए हैं। वह मास्को में पुतिन से तीन घंटों की लम्बी वार्ता कर चुके हैं। इज़राइली प्रधानमंत्री की ओर से कहा जा रहा है कि वह पुतिन से सतत सम्पर्क में हैं।
जेलेंस्की का स्थानीय समय सोमवार देर सायं इज़राइली संसद में वीडियो सम्बोधन, विदेश मंत्री यायिर लिपिड की ओर से रूस की निंदा किया जाना एक सबब का कारण बना हुआ है।
बता दें कि तेलवीव में मेयर की ओर से चौक पर एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। जहां जेलेंस्की के उद्बोधन के प्रति उत्सुकता व्यक्त की जा रही है। इससे इज़राइली ख़ेमे में संशय की स्थिति बनी हुई है।
उधर, यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ओलह ने कहा है कि वह किसी भी स्थिति में अपने देश के पूर्वी क्षेत्र को रूस को नहीं देंगे, जिसे रूस कभी छोड़ना नहीं चाहेगा।