जम्मू, (हि.स.)। हिन्दुस्तान शिव सेना के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कपूर ने कश्मीर घाटी में पाक परस्त आतंकवादियों द्वारा हिंदुओं को अपना निशाना बनाए जाने पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि कश्मीरी पंडितों की कश्मीर घाटी में घर वापसी के लिए ठोस कदम उठाए जायें।
जम्मू में बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। विक्रांत कपूर ने कहा कि हाल ही में रीलिज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाईल’ का हिन्दुस्तान शिव सेना ने स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि इससे पूरी दुनिया को कश्मीर की जमीनी हकीकत को जानने का अवसर मिला है। इससे पूरी दुनिया को कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार के बारे में जानकारी मिली है क्योंकि इस सच को अभी तक उजागर नहीं किया गया था।
कश्मीर घाटी में हिंदुओं को चुनिंदा आधार पर निशाना बनाए जाने और उनकी हत्याएं किए जाने की घटनाओं को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए विक्रांत कपूर ने कहा कि पडोती देश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारों पर काम करने वाले लोग जम्मू कश्मीर में हालात खराब करने के हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह उनके इस तरह के किसी भी प्रयास को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देगें। उन्होंने गत दिवस हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए हमलों पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से आग्रह किया है कि वह ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करके उनकी नकेल कसें। उन्होंने कश्मीर घाटी में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने का भी केंद्र और राज्य सरकार से आग्रह किया है।
विक्रांत कपूर ने कश्मीरी पंडितों की कश्मीर घाटी में वापसी को लेकर सरकार की ढुलमुल नीति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में केवल बातों से काम चलने वाला नहीं है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वो कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए ठोस कदम उठाए जिससे कि उनको कुछ हद तक राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस मामले को गंभीरता से विचार करना चाहिए और कश्मीरी पंडितों की घर वापसी के लिए तत्काल से ठोस कदम उठाने चाहिए।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान हिन्दुस्तान शिव सेना के वरिष्ठ नेता अनूप त्रिखा, बाबा राम कैथ, अभिषेक, हिमांशु, अमित, महिला विंग की नेता सपना कोहली, ज्योति देवी और अन्य भी मौजूद थे।