युद्ध का 56वां दिन: मारियूपोल के नागरिकों को सुरक्षित रास्ता देने पर राजी रूस-यूक्रेन

कीव,(हि.स.)। यूक्रेन पर रूसी हमले के 56वें दिन भी घमासान जारी रहा। मारियूपोल पर रूसी कब्जे के दावों के बीच रूस और यूक्रेन, दोनों देश मारियूपोल के नागरिकों को सुरक्षित रास्ता देने पर राजी हो गए हैं। इसके बाद दहशत में जी रहे मारियूपोल के नागरिकों के मन में जिंदगी की उम्मीद जगी है।

यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेश्चुक ने बताया कि बुधवार को दोनों देशों के बीच मारियूपोल में नागरिकों को सुरक्षित रास्ता (सेफ रूट) देने पर सहमति बन गई है। मारियूपोल में मानवीय आधार पर खराब हो रही स्थितियों को देखते हुए हम एक समझौते पर पहुंचे हैं। मारियूपोल शहर में फंसे लोगों को बचाने के लिए एक विशेष कॉरीडोर खोलने पर सहमति बनी है, जहां खूनखराबा नहीं होगा और लोग सुरक्षित निकल सकेंगे।

इस बीच लुहांस्क, पोपासना और रुबिझ्ने जैसे शहर और गांव लगभग तबाकी की कगार पर पहुंच गए हैं। लुहांस्कल के गवर्नर सर्हीय हैडाई ने कहा है कि जब तक युद्ध समाप्त नहीं हो जाता, इस पूरे क्षेत्र में बिजली, गैस और जल आपूर्ति बहाल नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि पोपासना और रुबिझ्ने जैसे शहरों और कई गांवों में बुनियादी ढांचा लगभग पूरी तरह नष्ट हो चुका है। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने बुधवार को यूक्रेन की राजधानी कीव से 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम की ओर स्थित शहर बोरोड्यांका का दौरा किया। यहां रूसी सेना ने भारी बमबारी के बाद तबाही का आलम देखने को मिला। मिशेन ने यहां स्थानीय लोगों से मुलाकात की और कहा कि यहां हुए युद्ध अपराधों को इतिहास कभी नहीं भूलेगा।

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