जन्मदिन विशेष : निखिल आडवाणी के ‘इश्क’ को सलाम

मुंबई में 28 अप्रैल, 1971 को जन्मे निखिल आडवाणी फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक हैं। उन्होंने अब तक कई बेहतरीन फिल्में निर्देशित की हैं। इनमें से कल हो ना हो, पटियाला हाउस, चांदनी चौक टू चाइना आदि प्रमुख हैं। वह मोशन पिक्चर प्रोडक्शन कंपनी एम्मे एंटरटेनमेंट के सह-संस्थापकों में हैं। निखिल ने प्रसिद्ध पारिस्थितिकीविद् बिट्टू सहगल के साथ काम किया है।

सेव द टाइगर्स कॉज के सलाहकार बोर्ड में उनका काम महत्वपूर्ण है। 15 अगस्त, 2019 को रिलीज ‘बाटला हाउस’ दिल्ली के बाटला हाउस मुठभेड़ पर आधारित है। वह रोमांटिक ड्रामा फिल्म सलाम-ए- इश्क (2007) का निर्देशन कर चुके हैं। वह इस फिल्म के सह लेखक भी हैं। उनका फिल्मों का निर्देशन और लेखन दीवानगी की हदें पार करता है। उन्हें अपने हर काम से मोहब्बत है। उनके पिता सिंधी और मां मराठी हैं। निखिल ने अपनी कॉलेज दोस्त सुपर्णा गुप्ता से शादी की है। उनकी एक बेटी कीया है।

निखिल का फिल्मी करियर 25 साल से अधिक का है। उन्होंने फिल्म निर्देशकों, सईद मिर्जा, कुंदन शाह और सुधीर मिश्रा की सहायता इस फिल्म की फील्ड में कदम रखे। करण जौहर और यश जौहर के प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शंस से भी जुड़े रहे हैं। आडवाणी ने नया नुक्कड़ (1994) के निर्देशन में सईद और अजीज मिर्जा की सहायता करके अपने करियर की शुरुआत की। और इस रात की सुबह नहीं (1996) के लिए सह-पटकथा लेखक के रूप में उनकी पहली भूमिका को समीक्षकों ने खूब सराहा। इसके बाद उन्होंने करण जौहर की फिल्म कुछ कुछ होता है (1998) और कभी खुशी कभी गम (2001) में सहायता प्रदान की ।मोहब्बतें (2000) में आदित्य चोपड़ा को असिस्ट किया ।

निखिल ने फिल्म कल हो ना हो (2003) के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की। इस फिल्म को सकारात्मक आलोचनात्मक प्रतिक्रिया मिली और यह व्यावसायिक रूप से सफल रही। यही नहीं वर्ष की सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म रही। इसने 2004 में दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार , आठ फिल्म फेयर पुरस्कार, 13 अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार, छह निर्माता गिल्ड फिल्म पुरस्कार , तीन स्क्रीन पुरस्कार और दो जी सिने पुरस्कार जीते । कल हो ना हो हॉलीवुड फिल्म लव एक्चुअली (2003) की अनौपचारिक रीमेक है। निखिल आडवाणी ने रोमांटिक ड्रामा फिल्म सलाम-ए- इश्क (2007) के लिए पटकथा का निर्देशन और सह-लेखन किया। 2009 में आडवाणी ने चांदनी चौक टू चाइना का निर्देशन किया। 16 जनवरी, 2009 को रिलीज हुई यह मूवी बॉक्स ऑफिस पर साल की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी।

इसके बाद आडवाणी ने जाने कहां से आई है (2010) का निर्माण किया। 2006 में निखिल ने पटियाला हाउस (2011) का निर्देशन और लेखन किया । निखिल आडवाणी की बच्चों की फिल्म दिल्ली सफारी (2012) भारत की पहली 3-डी स्टीरियोस्कोपिक एनिमेशन फीचर थी। इसने वन्यजीव संरक्षण की वकालत की। इसके बाद निखिल आडवाणी ने मोनिशा आडवाणी और मधु भोजवानी के साथ साझेदारी कर मोशन पिक्चर प्रोडक्शन कंपनी एम्मे एंटरटेनमेंट के बैनर तले तैयार फीचर फिल्म डी-डे (2013) का निर्देशन किया। इसे कुछ पुरस्कारों के साथ सकारात्मक समीक्षा मिली थी।

निखिल के हिस्से में एयरलिफ्ट (2016) भी है। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक बिलियन को पार करने वाली पहली और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली फिल्म रही। आडवाणी ने यूटीवी मोशन पिक्चर्स के बैनर तले सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ मिलकर कट्टी बट्टी (2015) का निर्माण और निर्देशन किया। उनकी कुछ खास फिल्में हैं- लखनऊ सेंट्रल (2017), सत्यमेव जयते (2018), बाजार (2018), मरजावां (2019), इंदु की जवानी (2020), बेल बॉटम (2021), सत्यमेव जयते 2 (2021)।

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