मंत्री का आदेश ठेंगे पर, पहले की तरह चौकड़ी भर रहे डग्गामार

रोहित तिवारी

बस स्टैंड के एक किमी दायरे में डग्गामार वाहनों के चालान का दिया था निर्देश
गोंडा। दलालों की छत्रछाया में चल रहे संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों के पास मंत्री के आदेश को लागू करने का समय नहीं है। बुधवार को प्रदेश के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने रोडवेज बस स्टेशन का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान भारी गंदगी व डग्गामार वाहनों के संचालन को उन्होंने अपनी आंखों से देखा था। मौके पर ही उन्होंने पांच डग्गामार बसों के चालान का निर्देश दिया था। सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक कर बाकायदा निर्देश दिया। लेकिन उनके जाते ही परिवहन विभाग के अधिकारी फिर अपने पुराने रौ में नजर आए और डग्गामार वाहन भी बस स्टैंड के इर्द-गिर्द मंडराते दिखे। जिले के विभिन्न रूटों पर करीब 500 वाहन फर्राटा भरते हैं। शहर के अंदर कोई टैक्सी स्टैंड न होने के बावजूद ये हर चौक चौराहे पर ट्राफिक पुलिस व परिवहन विभाग को ठेंगा दिखाते हुए फर्राटा भरते हैं। गोंडा उतरौला मार्ग, गोंडा से बलरामपुर मार्ग, गोंडा से बहराइच, गोंडा से तरबगंज व बेलसर, गोंडा से करनैलगंज होते हुए लखनऊ, गोंडा से बालपुर होते हुए परसपुर, गोंडा से कटरा बाजार तक सैकड़ों वाहन प्रतिदिन संचालित होते हैं, जबकि प्रशासन की ओर से इनके लिए अलग अलग पड़ाव निर्धारित है।

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दिन में भारी वाहनों पर है रोक, पर ट्रक टैंकरों की भरमार
शहर के अंदर सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक भारी वाहनों के आने जाने पर रोक है। पूर्व डीएम डा नितिन बंसल के समय जिला पंचायत सभागार में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में शहर को अतिक्रमण मुक्त करने तथा भारी वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए निर्णय किया गया था। लेकिन इसके बाद न तो मौजूदा अधिकारियों ने ध्यान दिया न ही पब्लिक से कुछ लेना देना है।
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शहर में अतिक्रमण का शबब बने 2000 ई-रिक्शा चालक
शहर के हर चौक चौराहे पर ई-रिक्शा चालकों की भरमार है। छोटे से शहर में भारी मात्रा में इनका संचालन आम शहरी के लिए कष्टकारी साबित हो रहा है। इसके अलावा नगर के आसपास कस्बों से भी रोज इनकी और आमद हो जाती है। परिवहन व पुलिस विभाग यह नहीं तय कर पाया है कि डेढ़ लाख आबादी वाले शहर में कितने वाहन चलाए जा सकते हैं।
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पुलिस चौकी के सामने ही भरते हैं सवारी
गोंडा। रोडवेज बस अड्डे के सौ मीटर के दायरें में दो पुलिस चौकी है जहां हरवक्त पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। लेकिन डग्गामार वाहन स्वामियों व पुलिस महकमें का याराना इसी से समझा जा सकता है कि वाहन चालक पुलिस चौकी के ठीक सामने बेखौफ होकर सवारी भरते हैं और पुलिस उन्हे देखकर अपनी आंख बंद कर लेती है।
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डग्गामार वाहनों के लिए लगातार कार्यवाही की जारी है और निरंतर जारी रहेगी। बसों का चालान जमा करने के बाद बसों को छोड़ दिया जाता है। लेकिन मना करने पर नही मानेंगे तो फिर जब्त करने की प्रक्रिया की जायेगी। मंत्री के निर्देश का अछरसा पालन किया जा रहा है।
शैलेंद्र तिवारी,यात्री कर अधिकारी एआरटीओ प्रवर्तन

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