काशी कोतवाल श्री कालभैरव कोतवाल स्वरूप में सजे, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

-प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की अर्जी भी लगी, दोषियों को दंडित करने की गुहार

वाराणसी, 08 जनवरी (हि.स.)। काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के कोतवाल स्वरूप की अद्भुत झांकी देखने के लिए शनिवार को श्रद्धालु उमड़ पड़े। दरबार में बाबा के कोतवाल स्वरूप की झांकी का दर्शन पाने के लिए युवा पूर्वाह्न से ही मंदिर में पहुंचने लगे। काशी कोतवाल के दरबार में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ युवाओं ने महामारी कोरोना से मुक्ति और पंजाब दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की अर्जी लगाई और उनसे दोषियों को दंड देने की गुहार लगाई।

इसके पहले बाबा कालभैरव का कोतवाल रूप में भव्य श्रृंगार एवं महाआरती श्री श्री यंत्र पीठम् समिति की ओर से किया गया। बाबा के विग्रह को पंचामृत स्नान के बाद कोतवाल रूप में नये वस्त्र धारण कराने के बाद श्रृंगार और विविध प्रकार के व्यंजनों और मदिरा का भोग लगाने के बाद महाआरती की गई। मंदिर का पट आम लोगों के लिए खुलते ही युवाओं की भीड़ दर्शन-पूजन के लिए उमड़ पड़ी। मंदिर के महंत शिवप्रसाद पांडेय और अवशेष पांडेय ने बताया कि बाबा जल्द ही कोरोना महामारी से निजात दिलाएंगे।

उल्लेखनीय है कि काशी में मान्यता है कि कालभैरव के दर्शन के बिना काशीपुराधिपति का दर्शन भी पूर्ण नहीं है। महादेव ने ही कालभैरव को काशी नगरी में ब्रम्ह दोष से मुक्ति पाने के लिए भेजा था और कोतवाल के रूप में नियुक्त किया था। काशी में कालभैरव के अलावा आस भैरव नीचीबाग, बटुक भैरव एवं आदि भैरव कमच्छा, भूत भैरव नखास, लाट भैरव कज्जाकपुरा, संहार भैरव मीरघाट और क्षेत्रपाल भैरव विराजित हैं। नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को दूर करने के लिए ही कालभैरव की खास आराधना की जाती है।

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